माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार

(माननीय प्रधानमंत्री)
महानिदेशक के डेस्क से

श्रीमती कंचन देवी, भा.व.से.
महानिदेशक
आगामी आयोजन
भा.वा.अ.शि.प. के संस्थानों द्वारा अद्यतन
इको टास्क फोर्स कुफरी और आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला द्वारा संयुक्त रूप से कुफरी शिमला में आयोजित कार्यशाला सह क्षमता निर्माण कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट .: 24 September 2025
नगर निगम शिमला के पार्षदों की आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला यात्रा पर एक रिपोर्ट। .: 24 September 2025
आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला द्वारा राजकीय महाविद्यालय सीमा रोहड़ू में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट .: 24 September 2025
आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला द्वारा जीएसएसएस बेओलिया में आयोजित प्रकृति कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट .: 24 September 2025
आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला द्वारा जीएसएसएस डोडरा रोहड़ू में आयोजित प्रकृति कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट .: 24 September 2025
आईसीएफआरई-एचएफआरआई शिमला द्वारा डोडरा रोहड़ू में औषधीय पौधों की खेती पर प्रशिक्षण कार्यक्रम पर एक रिपोर्ट .: 24 September 2025
राजभाषा एवं विज्ञान व्याख्यानमाला का आयोजन ICFRE-ERC: 17 September 2025
प्रकृति कार्यक्रम: वैज्ञानिक विद्यार्थी संवाद (16/09/2025) TFRI: 17 September 2025
कृषक प्रशिक्षण सह कार्यशाला विषय: कृषिवानिक - विधियां एवं विकास ICFRE-ERC: 15 September 2025
पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों का शैक्षणिक भ्रमण (12/09/2025) TFRI: 15 September 2025
हिमालय दिवस-2025 के उत्सव के भाग के रूप में 10 सितंबर, 2025 को आईसीएफआरई-एफआरआई, देहरादून द्वारा आयोजित सेमिनार पर रिपोर्ट FRI: 10 September 2025
भा.वा.अ.शि.प.-हि.व.अ.सं.,शिमला द्वारा आयोजित हिमालय दिवस 2025 के उत्सव पर एक रिपोर्ट HFRI: 10 September 2025
AICRP-17 (चारा/फॉडर) के अंतर्गत आयोजित कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम ICFRE-ERC: 10 September 2025
भा.वा.अ.शि.प.की प्रौद्योगिकी
जुनिपेरस पाॅलीकार्पोस, सी.कोच उत्तर पश्चिम हिमालयन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देशज शंकु वृक्ष है, जिसे सामान्यतः हिमालयन पेंसिल सिडार के नाम से जाना जाता है। इस प्रजाति के बीजों में प्रसुप्ति होती है, जो इसके अंकुरण को प्रभावित करती है।
जूनीपेरस पॉलीकार्पस (हिमालयन पेन्सिल सीडार) की बीज प्रौद्योगिकी
पिकोरिजा कुरूआ, रायल एक्स बेंथ जिसे सामान्यतः कुटकी के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाना महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है, जिसकी उच्च शीतोष्ण क्षेत्रों (2700 मी. से ऊपर) में वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता है।
कुटकी बहुगुणन हेतु वृहद-प्रसार तकनीक
वैलरियाना जटामांसी, जोन्स जिसे सामान्यतः मुशाकबला के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है तथा वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता रखता है।
मुशाकबला बहुगुणन हेतु बृहद-प्रसार तकनीक
देवदार (सिडेरस देओदारा), उत्तर-पश्चिम हिमालय का एक अति मूल्यित एवं बहुल शंकु प्रजाति है, यह कुछ अंतरालों पर निष्पत्रक, इक्ट्रोपिस देओदारी प्राउट (लेपीडोप्टेरा: जिओमैट्रिडि) से प्रभावित होता है। यह प्रमुख नाशी-कीट देवदार वनों की अल्पवयस्क फसलों को गम्भीरता से प्रभावित करता है।
देवदार निष्पत्रक (एक्ट्रोपिस देवदारे प्राउट) का एकीकृत कीट प्रबंधन
उच्च पहाड़ी शीतोष्ण क्षेत्रों के बागानों में अंतरालों का बेहतर उपयोजन किया जा सकता है तथा चुनिंदा वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पादपों के अंतरफसलीकरण से बागानों द्वारा आर्थिक लाभ की वृद्धि की जा सकती है।
बागवानी रोपण के साथ शीतोष्ण औषधीय पादपों का अंतरफसलीकरण